“पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन” — बदलाव की एक सशक्त पहल & एक मजबूत कदम स्थायी शांति की ओर।

🟨 प्रेस विज्ञप्ति

🟩 दिनांक: 29 अक्टूबर 2025

🟨 जिला कांकेर/बीजापुर

🟩 बस्तर रेंज

📂 “पूना मारगेम: पुनर्वास से पुनर्जीवन” — बदलाव की एक सशक्त पहल & एक मजबूत कदम स्थायी शांति की ओर।

📂 क्रूर और जनविरोधी माओवादी विचारधारा का खात्मा, शांति की स्थापना

📂 “पूना मार्गम : पुनर्वास के माध्यम से पुनर्जीवन” पहल के तहत एक और निर्णायक और महत्वपूर्ण कार्य l केशकाल डिवीजन (North Sub-Zonal Bureau) के कुएमरी/किस्कोडो एरिया कमेटी के कुल 21 सक्रिय माओवादी कैडर आज 29 अक्टूबर 2025 को जिला कांकेर में मुख्यधारा में शामिल हुए हैं।

📂 जिला बीजापुर में भी कुल 51 माओवादी कैडरों ने माओवादी विचारधारा से अलग होकर लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों में विश्वास व्यक्त किया है।

📂 यह महत्वपूर्ण पहल, बस्तर क्षेत्र के संघर्ष से शांति की ओर जारी रूपांतरण प्रक्रिया में एक और मील का पत्थर साबित होता है।

➡️ बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री सुन्दरराज पत्तिलिंगम ने कहा कि 21 सक्रिय माओवादी कैडरों का समाज में पुन: एकीकरण यह दर्शाता है कि जनविरोधी माओवादी विचारधारा का खात्मा और लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों की स्थापना l

21 माओवादी कैडरों ने 26 अक्टूबर को हिंसा त्यागने का निर्णय लिया था। आज, 29 अक्टूबर को, इन्हें जनजातीय समुदाय के वरिष्ठ और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों की उपस्थिति में औपचारिक रूप से सामाजिक मुख्यधारा में पुनःसम्मिलित किया गया।

🔷 कुल 21 माओवादी कैडर — जिनमें 04 DVCM (Divisional Committee Members), 09 ACM (Area Committee Members) और 08 पार्टी सदस्य शामिल हैं — ने हिंसा त्यागकर मुख्यधारा में आने का निर्णय लिया है।

➡️ श्री इन्दिरा कल्याण एलेसेला, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, कांकेर ने उल्लेख किया 21 माओवादी कैडर कि हिंसा त्यागकर मुख्यधारा में आने का इस निर्णय से कुएमरी/किस्कोडो एरिया कमेटी प्रभावी रूप से विघटित हो चुकी है, जिससे केशकाल डिवीजन में माओवादी उपस्थिति और कमजोर हुई है।

🔷 समर्पित कैडरों द्वारा कुल 18 हथियार सौंपे गए: विवरण इस प्रकार हैं:

03 नग- AK-47 राइफल्स

04 नग- SLR राइफल्स

02 नग – INSAS राइफल्स

05 नग- .303 राइफल्स

01 नग – .315 बोर राइफल

02 नग- सिंगल-शॉट राइफल्स

01 नग BGL लॉन्चर

🔷 21 माओवादी कैडरों पर कुल ₹85 लाख इनाम राशि घोषित ।

सामुदायिक पुनर्समावेशन पहल l
स्थानीय जनजातीय प्रधान और मंझी-चालकी की उपस्थिति में एक सामुदायिक पुनर्समावेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जो माओवादी कैडरों की सामाजिक मुख्यधारा में वापसी की स्वीकृति का प्रतीक था। श्री सुन्दरराज पत्तिलिंगम, पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज;श्री निलेश महादेव क्षीरसागर, कलेक्टर, कांकेर;
श्री इन्दिरा कल्याण एलेसेला, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, कांकेर;STF और कोंडागांव जिले के पुलिस अधीक्षक तथा CRPF, ITBP, BSF, SSB और कांकेर जिला पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी आयोजन के दौरान उपस्थित थे।उल्लेखनीय है कि आज जिला बीजापुर में भी कुल 51 माओवादी कैडरों ने माओवादी विचारधारा से अलग होकर लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों में विश्वास व्यक्त किया है। बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी इन 51 माओवादी कैडरों के सामाजिक मुख्यधारा में पुनर्समावेशन के अवसर पर उपस्थित थे। आज बीजापुर में मुख्यधारा में शामिल हुए 51 कैडरों में— 05 सदस्य PLGA Battalion No. 01 और PLGA Company No 01, 02, तथा 05 से संबंधित हैं; 01 ACM; 07 प्लाटून और एरिया कमेटी पार्टी सदस्य; 03 LOS सदस्य; 01 मिलिशिया प्लाटून कमांडर; 14 मिलिशिया प्लाटून सदस्य; और RPC – Janatana Sarkar, DAKMS, तथा CNM के 20 प्रतिनिधि जिनमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य शामिल हैं — ये सभी हिंसक और जनविरोधी विचारधारा को त्यागकर शांति और प्रगति का मार्ग अपना चुके हैं।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री सुन्दरराज पत्तिलिंगम, ने कहा : भारत सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार, पुलिस मुख्यालय, स्थानीय प्रशासन और सभी अन्य हितधारक बस्तर में शांति और प्रगति के लिए प्रतिबद्ध हैं।“पूना मार्गम : पुनर्वास के माध्यम से पुनर्जीवन” पहल लोगों के शांति और विकास में बढ़ते विश्वास को दर्शाती है। माओवादी कैडरों ने अब समझ लिया है कि हिंसा का मार्ग केवल कष्ट और अलगाव की ओर ले जाता है, जबकि पुनर्वास गरिमा, सुरक्षा और अर्थपूर्ण जीवन सुनिश्चित करता है। बस्तर पुलिस और यहां तैनात सुरक्षा बल क्षेत्र में शांति स्थापित करने, पुनर्वास सुनिश्चित करने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज कुल 72 माओवादी कैडर (कांकेर में 21 और बीजापुर में 51) मुख्यधारा में शामिल हुए हैं, जो बस्तर रेंज में एक और महत्वपूर्ण सफलता है।”IGP बस्तर ने यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि शेष माओवादी कैडर — जिनमें Politburo सदस्य देवजी, Central Committee सदस्य हिदमा, DKSZC सदस्य पाप्पा राव, देवा (Barse Deva) तथा अन्य शामिल हैं — के पास हिंसा त्याग कर मुख्यधारा में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है; अन्यथा उन्हें निर्णायक ऑपरेशनों का सामना करना पड़ेगा, जो हमारे सुरक्षा बल करने में सक्षम हैं।

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